सेवानिवृत्त होत असणाऱ्या वरिष्ठ पोलिस निरीक्षकाच्या पत्नीचे त्यांच्या आयुष्य भरातील चढ उतार तसेच जडणघडणा विषयीचा लेखाजोखा स्वरूपात मनोगत.... पत्थर खाकर भी खडे रहे! वो लहू बनकर अडे रहे ! जब दुनिया जश्न मनाती है ! तब पुलिस फर्जं निभाती है ! सविस्तर मनोगत वाचण्यासाठी खालील लिंकवर क्लिक करा !!
न्यूज मसाला परीवारातर्फे हार्दिक हार्दिक शुभेच्छा !! काल ३१ मे रोजी वरिष्ठ पोलिस निरीक्षक श्री.सुभाषचंद्र देशमुख साहेब सेवानिवृत्त झाले, पुढील आयुष्यासाठी खुप खूप आरोग्यदायी शुभेच्छा... अभिमान है हमे कि हम अंग है इस वर्दी कां बडी किस्मतवालो को मिलता है ये खाकी रंग वर्दी का.... बेईमान को मजबूर बनाती इमानदार को मजबूत बनाती जिनके कंधो पर भार है जनता की अभिलाषा का मनुष्य होकर भी ये मनुष्य को मिले अधिकारो से वंचित है तुम्हे सुरक्षित रखने के लिए खुद रातभर नं सोते है सुनसान अंधेरी रातो में चूपचाप कटी सन्नाटो में घूमघामकर थक जाते है नं जाने कब सोजाया करते है पत्थर खाकर भी खडे रहे वो लहू बनकर अडे रहे जब दुनिया जश्न मनाती है तब पुलिस फर्जं निभाती है रातो में सिर्फ चोर ही नहीं घुमते ये वर्दीवाले रक्षा के लिए तैय्यार रहते है धूप -छाव सब सहते है जीवनपथ दुर्गम गहते है इनके जीवन में अरमान ना कुछ रहते है जब तन पर खाकी सजती है इन वर्दी वालो के जीवन का अजिब फसाना है तीर भी चलाना है और परिण्दे को भी बचाना है रात को आँखो में नींद नहीं ना दिल में करार ये मोहब्बत नहीं खाकी की न